प्यार के स्वाद: जयवीर भम्भेवा की मानवीय ममता
जयवीर भम्भेवा जी ने अपने हाथों से खाना खिलाते हुए हमें यह दिखाया कि प्यार की ममता की नींवें बनाने का सच्चा अर्थ क्या है। “एक दिल से दिल तक
हरी मंदिर पटौदी से बच्चो को कपड़े व मिठाई बाटते हुऐ
हरी मंदिर पटौदी से हमारे भाई अनिल , मोहित,चौहान, व उनके साथी श्री श्याम राष्ट्रीय नेत्रहीन पुनर्वास संस्थान के बच्चो को कपड़े व मिठाई बाटते हुऐ
महामारी में जरूरतमंदों की मदद
25 दिन से … संस्थान भोजन की किट वितरित करते हुये (संस्थान के संस्थापक जयवीर भम्भेवा )
1 महीने से जयबीर भंभेवा व आश्रम के नेत्रहीन खुद खाना बनाकर दिन रात जरूरतमंदो तक पहुंचा रहा है|
1 महीने से जयबीर भंभेवा व आश्रम के नेत्रहीन खुद खाना बनाकर दिन रात जरूरतमंदो तक पहुंचा रहा है|
गरीबो के पास जाकर खाना खिलाते हुए
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