दीपेंद्र हुड़ा: श्री श्याम जन सेवा संस्थान में नेत्रहीन और असहायों के साथ समय बिताकर जीवन का मतलब सिखाते हुए
दीपेंद्र हुड़ा, जिन्होंने अपने जीवन को एक नई दिशा दी, वे व्यक्ति हैं जिन्होंने मानवता के मूल गुणों को अपनाया है। उन्होंने श्री श्याम जन सेवा संस्थान में नेत्रहीन और असहाय लोगों के साथ समय बिताकर दिखाया है कि सच्ची सेवा और सहानुभूति क्या होती है।
उनका आदर्श न सिर्फ देशभक्ति का परिचय देता है, बल्कि यह भी बताता है कि हमारे समाज में विकलांग और असहाय वर्ग के सदस्यों के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या होती है। उन्होंने नेत्रहीन और असहाय लोगों के साथ हर संभाव तरीके से मदद की है और इससे हमें एक गहरे भावनात्मक संबंध बनाने का संदेश दिया है।
इसके परिणामस्वरूप, दीपेंद्र हुड़ा ने न सिर्फ अपने जीवन में अर्थ दिया है, बल्कि उन्होंने हमें भी यह सिखाया है कि हम भी अपनी सीमाओं को पार करके किसी के जीवन में बदलाव ला सकते हैं। उनकी अनबोली एकता और सेवा की भावना हमें सच्ची इंसानियत की ओर आगे बढ़ने का प्रेरणा स्रोत बन गई है।